मैग्निफिसेंट एमपी में एमओयू नहीं, बल्कि तीन महीने में आएगा ठोस प्रस्ताव

कमलनाथ सरकार के निवेशक सम्मेलन ‘मैग्निफिसेंट एमपी’ में एमओयू का दिखावा करने की बजाय ठोस प्रस्ताव वाले निवेशकों को ही आमंत्रित किया गया है। इन्वेस्टर्स समिट ‘मैग्निफिसेंट एमपी’ में किसी भी कंपनी से राज्य सरकार एमओयू नहीं करेगी। जो भी निवेशक या उद्योगपति मप्र में इकाई लगाना या विस्तार चाहते हैं, वे ठोस प्रस्ताव के साथ समिट में शामिल होंगे। इसके बाद सभी गंभीर प्रस्तावों में सरकार प्रोत्साहन व छूट की संपूर्ण संभावनाओं को टटोलकर उसे तीन माह के भीतर निवेश संवर्धन के लिए बनी कैबिनेट सब कमेटी (सीसीआईपी) में रखेगी। इससे निवेश तेजी से हो सकेगा। ताजा मामलों में मंडीदीप की एचईजी, प्रोक्टर एंड गैंबल और आर श्रीनिवासन की इंडिया सीमेंट को अतिरिक्त प्रोत्साहन के लिए जल्द ही अगली सीसीआईपी में लाया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस बार मैग्निफिसेंट एमपी में नीति आयोग के सीईओ समेत केंद्र सरकार के कुछ विभागों के सचिवों को भी आमंत्रित किया है। किसी भी देश को पार्टनर कंट्री नहीं बनाया गया, लेकिन निवेश के इच्छुक कुछ देशों के एम्बेसेडर समिट में जरूर शामिल हो रहे हैं। मप्र की ओर से 1100 उद्योगपतियों को न्योता भेजा है, जिनमें से 600 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। मुख्य सचिव एसआर मोहंती 9 अक्टूबर को इंदौर में तैयारियों का जायजा लेंगे। सरकार का फोकस इस पर भी है कि जिन निवेशकों ने मप्र में काम शुरू कर दिया है और उसका विस्तार करना चाहते हैं, उन्हें भी प्राथमिकता दी जाएगी। मसलन, भारत ओमान रिफाइनरी 6000 करोड़ का निवेश और करना चाहती है।