पीसीसी चीफ पटवारी ने भाजपा को बताया अत्याचारी, कहा- मैं अपने काम से जवाब दूंगा

भाजपा की नीतियों पर जमकर हमला किया

इंदौर – मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी अपनी बेबाक बातों के लिए जाने जाते हैं। वे कई बार विवादित बयानों को लेकर भी चर्चा में रहे हैं। राहुल गांधी के खास माने जाने वाले इस युवा चेहरे से अमर उजाला ने खास बातचीत की। उन्होंने इस दौरान भाजपा की नीतियों पर जमकर हमला किया। इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी का नाम वापस लेने के मामला हो, कांग्रेस नेताओं का पार्टी छोड़ने का मामला हो या फिर इमरतीदेवी पर विवादित बयान का मामला हो। प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाल रहे जीतू पटवारी ने सभी मुद्दों पर बात की। अमर उजाला से चर्चा में सारी बातों का जवाब दिया। पढ़िये बातचीत के अंश-

आपके रहते हुए इंदौर में ये कैसे हो गया?

पटवारी- इंदौर शहर की जनता के लिए घातक है, राजनीति के लिए घातक है। हमने सुना था माफियाराज। अलग-अलग तरह का माफिया होता है। पर ये राजनीतिक माफिया था। जो इस तरह की हठधर्मिता करता है। इंदौर के वोटरों को चुनौती दी गई है। जो मध्य प्रदेश में, भारत में जो नए भारत की कल्पना की थी लोगों ने, अच्छे दिन की कल्पना की थी। नरेंद्र मोदी ने नए मर्यादित आयाम की बात की थी, जो भाजपा पार्टी ऑफ डिफरेंस की बात करती थी, जो जनसंघ के जमाने में सुचिता और पारदर्शिता, मर्यादा की बात करते थे। उन लोगों ने किस तरह का क्राइम किया है। क्यों गया, कैसे गया, क्या हुआ, कारण क्या थे, वो अपनी जगह है। भाजपा को इतना बड़ा जनसमर्थन यहां मिलता रहा है। विधानसभा में नौ की नौ सीट भाजपा जीत गई। भारी बहुमत से जनता ने जिताया। नगर निगम भी अच्छे-स्पष्ट बहुमत से उनके पास है। और कई सालों से सांसद भी है। उसके बाद भी इस तरह का कृत्य करना, क्या मैसेज है? मैसेज था कि वोट की ताकत, उसकी मर्यादा, उसकी पवित्रता हम धूमिल कर देंगे। ये एक तरह से मैं समझता हूं कि प्रदेश के चेहरे पर काला दाग लगाया है। ये भाजपा के आम कार्यकर्ता को पसंद नहीं आना चाहिए। इंदौर ऐसा शहर है, जो अच्छे कामों के लिए जाना जाता है। मैं भाजपा के लोगों से भी अपील करता हूं कि इस तरह के कृत्य करोगे तो एक दिन आपके बच्चों के भविष्य का क्या होगा। वोट के अधिकार का क्या होगा। तो इसको सबक सिखाना चाहिए। और जिन लोगों ने किया, उन लोगों को जानो वो राजनीतिक माफिया हो। इन राजनीतिक माफियाओं से बचो।

अक्षय बम को टिकट देने के पीछे जो सोच थी, क्या उसमें गलती हो गई? वो सपोर्ट नहीं मिलने की बात कह रहे थे?

पटवारी- ये सब गौण है। हुआ क्या, क्राइम क्या है. वो जरूरी है। अब मैं इन सब बातों पर नहीं जाना चाहता, मैं तो सिर्फ भाजपा पर सवाल उठाना चाहता हूं। भाजपा के वो लोग, जो सच्चा लोकतंत्र चाहते हैं, उनसे सवाल पूछना चाहता हूं कि क्या आप लोग ये चाहते हैं कि हमारा शहर ऐसा बने जो हठधर्मिता, जो कृत्य मुंबई में होता है, बड़े-बड़े शहरों में होता है। हमारा शहर जब स्वच्छता की बात है तो एकजुट हो गया। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एकजुट हुआ। नर्मदा का पानी लाने की बात हो तब एकजुट हुआ। यहां पर लोग समीक्षा नहीं करते हैं, अभ्यास मंडल है, कई लोग हैं। यहां बुद्धीजीवी जर्नलिज्म है। बहादुर पत्रकारिता है। हमारा शहर आर्थिक राजधानी है। बढ़ती गुंडागर्दी, बढ़ती हफ्तावसूली, जमीनों पर कब्जे जैसी बीमारी आई थी,अब राजनीतिक रूप से हुए ऐसे घटनाक्रम की बड़ी बीमारी आई है। मेरे शहर के परिवारजनों मैं भी शहर का बेटा हूं, एक पार्टी का नेतृत्व करता हूं। भाजपा को इतना प्यार देते हो, जिताते हो। यहां के व्यापारियों को, गरीब लोगों को, आम लोगों को, यहां बुद्धिजीवियों को भाजपा चुनौती दे रही है। कौन दे रहा है, राजनीतिक माफिया। इस माफिया से लड़ो, ये पार्टी का विषय ही नहीं है। भाजपा का ही सांसद बनेगा यहां से। सांसद की लड़ाई नहीं है, कांग्रेत तो है ही नहीं। ये भाजपा के खिलाफ लड़ाई नहीं है, ये लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ लड़ाई है। मैं अपील करना चाहता हूं जागो, कई ऑप्शन है, एक नोटा है। उससे मैसेज दो कि कृत्य गलत है।

नोटा ही क्यों कह रहे हैं, कई और प्रत्याशी हैं, कांग्रेस किसी को समर्थन क्यों नहीं करती?

पटवारी- किसी को समर्थन देना विराध प्रदर्शन करना नहीं होता। हम इस घटनाक्रम का विरोध कर रहे हैं, इसलिए नोटा पर जोर दे रहे हैं। जिसे मत देना है, वो वहां दे पर कांग्रेस पार्टी अब किसी को समर्थन नहीं देगी। वो कह रही है कि सब ऑप्शन में नोटा भी एक ऑप्शन है। हम ये नहीं कह रहे कि किसी को मत दो, हम कह रहे हैं कि नोटा को भी दे सकते हैं।

सुमित्रा महाजन भी कह रही हैं कि कांग्रेस को भी इस पर आत्मअवलोकन करने का विषय है?

पटवारी- उन्होंने सही कहा है। और हो भी भी रहे हैं। मैंने प्रेस से बात की थी तो कहा भी था कि मुझे रातभर नींद नहीं आई। सच में नहीं आई। मैं कभी नहीं छिपाता ऐसी बातें। मैं मानता हूं इस बात को हो सकता है कि हममें कमियां हों, इसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पर हम हारे हैं। कमी होगी तभी हारी होंगे। भाजपा ऐसा कोई काम नहीं कर रही है, जिससे उसको जिताना चाहिए। हमें मप्र में माइनस अंक ज्यादा मिले हैं, मैं इसे नकारता भी नहीं हूं। पर सुमित्रा महाजन से मेरा अनुरोध है कि ये पार्टी का विषय नहीं है। ये मत के अधिकार का विषय है। आपने इतना ऊंचा कद होने के बाद भी अहंकार रहित जीवन जिया है। अब उनके लिए पार्टी नहीं है। ये इंदौर शहर उनका है, उन्हें बहुत प्यार दिया है। मेरा अनुरोध है जो उन्होंने कहा कि वो कहते रहना चाहिए। मैं जब बात कर रहा हूं तो पार्टी के अध्यक्ष के नाते नहीं, शहर के बेटे होने के नाते कर रहा हूं। मैं भी इंदौर का नाम बढ़ाने का काम कर रहा हूं। मैंने आज तक ऐसा कोई काम नहीं किया जो शहर को कलंकित करता हो। कुछ गलती होती भी है तो मैं मानता हूं, सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं। शहरवासियों को राजनीतिक माफियाओं को रोको, नेताओं की अहंकारनीति को रोको। उन्हें सबक सिखाओ।

भाजपा कह रही है कि हजारों कांग्रेस भाजपा में आ रहे हैं, क्या सच में इतना बड़ा आंकड़ा है?

पटवारी- इन सब बातों का कोई औचित्य नहीं है। इन सबका उत्तर है चुनाव का रिजल्ट। हमारे पास एक सीट थी पहले। दो सीटों पर भाजपा ने एक तरह से क्राइम किया है। उन्होंने लोकतंत्र की हत्या की है। बची हुई सीटों में से कांग्रेस कितनी जीतती है। मैं अपने काम से इसका उत्तर दूंगा।

राहुल गांधी यहां आए थे। क्या इस पूरे प्रकरण से वो आहत हैं?

पटवारी- पिछली बार जब वो आए थे, तब मेरी बात हुई थी इस बार तो नहीं हुई। उन्होंने कहा था कि लड़ो, चिंता नहीं करना। पहले उन्होंने सुमित्रा महाजन का जिक्र किया था कि वो तो बड़ी सौम्य थीं, सरल थीं, अच्छे कामों के लिए जानी जाती थीं। उन्होंने पूछा भी कि इस कृत्य में वो भी शामिल थीं क्या? पहले मुझे पता नहीं था, तब लग रहा था कि इसमें पूरी भाजपा इसमें शामिल है। अब वक्तव्य दिया तो पता चला कि वो शामिल नहीं हैं, उनको अच्छा नहीं लगा। पूरे देश में ऐसा ही हो रहा है। ईडी में जितने लोगों को गिरफ्तार किया गया, या जिन पर मुकदमा लगाया गया सब बीजेपी में हैं। नरेंद्र मोदी का नया भारत है। छोटे स्तर पर कार्यकर्ता जो आपने कहा वैसा हो रहा है। सब प्रदेशों में हो रहा है। हम भी जब 400 पार थे, राजीवजी के समय, तब हमने तो ऐसा नहीं किया। जनसंघ इतनी थी, तब भी उसकी रिस्पेक्ट करते थे। उसके विचार की रिस्पेक्ट करते थे। देखिए देश में बहस क्या है, संविधान बचाने की, लोकतंत्र बचाने की, आरक्षण बचाने की, मीडिया का फ्रीडम बचाने की, मत के अधिकार को बचाने की बहस है।

आपको लगता है कि प्रदेश अध्य़क्ष के तौर पर पार्टी का सपोर्ट मिल रहा है?

पटवारी- जी पूरा मिल रहा है। असल बात मैं अपने आपको बचाने की कोशिश नहीं कर रहा हूं। जिस दिन मुझे पार्टी का अध्यक्ष बनाया, उसके दो दिन पहले हम हारे थे। उसके बाद से आज तीसरा दिन है, जब मैं मेरे पिताजी के घर, ऑफिस में आकर बैठा हूं। मुझे पता है एक दिन हम पास होंगे। भाजपा का अहंकार सिर चढ़कर उबल रहा है, वो समाप्त होगा। रही बात इस पूरे घटनाक्रम के पीछे भाजपा का अत्याचारी चेहरा है।

आपको कभी ऐसा कोई ऑफर आया कि आप पाला बदल लीजिए?

पटवारी- जो लोग मुझे जानते हैं, कि मैं पूरी जिंदगी विपक्ष में रहा हूं। विचार के साथ रहा हूं। मुझसे ऐसा सवाल करने के लिए बहुत हिम्मत चाहिए उसको। आप नई हैं, यहां के पत्रकार नहीं पूछते ऐसा सवाल मुझसे, क्योंकि उनको पता है कि ये जीतू पटवारी है। ये अहंकार में नहीं बहुत विनम्रता से, निडर, सौम्य, सरल, अपने दुश्मन को भी जबान देकर निभाने वाला व्यक्ति हूं। भाजपा कभी इतनी हिम्मत ही नहीं कर सकती। न उसका कोई नेता मुझसे बात करेगा।

इमरती देवी के आपके बयान पर सियासत छिड़ गई। कांग्रेस के कुछ लोग भी नाराज थे?

पटवारी- मैं पहले भी इसका जवाब दे चुका हूं। हम इंसान हैं, सबसे गलती होती है। स्लिप ऑफ टंग। गलती हुई मुझसे भी। मुझे तो रात 2 बजे पता चला कि इस तरह से वक्तव्य आ गया है, मैंने उसी समय ट्वीट किया। वो मेरी बड़ी बहन जैसी हैं, मां जैसी हैं। मैं माफी चाहता हूं। मैंने कोई बहाना नहीं बनाया। चूंकि गलती हुई थी, इसलिए मीडिया को भी बयान दिया। आपके माध्यम से फिर कहना चाहता हूं कि गलती की सजा मिलती है। विरोध हुआ, होना चाहिए। पर किसी प्रकार का क्राइम सोच-समझकर किया हो या ऐसी भाषा बोली हो, ऐसा कभी नहीं कर सकता। एक ऑडियो वायरल हो रहा था वो कांग्रेस की तारीफ कर रही थीं तो मैंने उस पर कहा था कि अब इस तरह की बातों में कोई रस नहीं, उनका नाम आ गया बीच में। कई बार जल्दबाजी में कुछ रह जाता है। गलती हुई थी, माफी मांगी, फिर से मांगता हूं।