संवैधानिक आयोगों में सदस्यों की कमी

18 साल में पहली बार सूचना आयोग में सभी 11 पद खाली

भोपाल – मप्र सूचना का अधिकार, खाद्य मामले और मानवाधिकार से जुड़ी 21000 से ज्यादा अपील व शिकायतें पेंडिंग हैं। वजह- इन तीनों आयोग में सदस्यों की कमी है। मप्र सूचना आयोग तो पूरी तरह आयुक्त विहीन हाे गया है। यहां एक मुख्य सूचना आयुक्त और 10 राज्य सूचना आयुक्त के पद खाली हैं। ऐसी स्थिति 18 साल में पहली बार बनी है। आम आदमी को सीधे सुनवाई का हक देने वाले मानवाधिकार आयोग में बीते डेढ़ साल से चेयरमैन का पद रिक्त है। अफसरों का कहना है कि इसमें नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। वहीं मप्र राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में 6 में से 2 पद रिक्त हैं।
बाकी 4 में से एक पद मई में खाली हो जाएगा। इनमें से एक सदस्य को चेयरमैन का जिम्मा दे रखा है। ऐसे में बाकी सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने के बाद यहां भी सदस्यों की संख्या घटकर आधी रह जाएगी। खाद्य विभाग के अफसरों ने बताया कि उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति के लिए अक्टूबर 2023 में ही विज्ञापन जारी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने नया सर्कुलर जारी कर दिया कि देशभर के उपभोक्ता आयोग में नियुक्तियां अब एक परीक्षा के माध्यम से होगी। हालांकि बाद में इस आदेश को शिथिल कर दिया। अब नए सिरे से इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग
स्वीकृत पद : 1 चेयरमैन, 5 सदस्य। कार्यकाल : 4 साल।
स्थिति : 4 सदस्य मौजूद। पेंडेंसी : 7126 अपील पेंडिंग हैं।
अक्टूबर 2023 से चेयरमैन, अगस्त 2023 से सदस्य का पद रिक्त है। एक सदस्य अशोक कुमार तिवारी को चेयरमैन का प्रभार दिया। बचे 3 सदस्यों में से एक का कार्यकाल इसी साल मई तक है।

मध्यप्रदेश सूचना आयोग

स्वीकृत : 1 मुख्य सूचना आयुक्त, 10 सूचना आयुक्त
स्थिति : सभी पद खाली।
केस पेंडिंग : 950028 मार्च तक आवेदन मांगे थे, पर आचार संहिता के चलते नियुक्ति पर रोक लगी। मुख्य सूचना आयुक्त के लिए प्रस्ताव को चुनाव आयोग में भेजा।

मप्र मानवाधिकार आयोग
स्वीकृत : एक अध्यक्ष, दो सदस्य
कार्यकाल : तीन वर्ष
स्थिति : अध्यक्ष का पद खाली है।
केस पेंडिंग : 4706 दो सदस्य हैं। मनोहर ममतानी और राजीव टंडन हैं। ममतानी के पास चेयरमैन का प्रभार।