प्रेमचंद गुड्डू ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को दी चुनौती, “सांवेर से चुनाव लड़कर देख लें कितना है दम”

जयवर्धन सिंह के बाद अब प्रेमचंद गुड्डू ने भी सिंधिया के लिए कहा-.सांवेर की जनता दलबदलुओं और गद्दारों को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है।

इंदौर. सांवेर विधानसभा सीट कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बनी हुई है. दलबदल कर बीजेपी में गए सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट इस सीट पर संभावित उम्मीदवार हैं. कांग्रेस से सिंधिया विरोधी प्रेमचंद गुड्डू उम्मीदवार हो सकते हैं. नामों की घोषणा होने से पहले ही गुड्डू ने सीधे सिंधिया को चुनौती दी है कि वो खुद सांवेर आकर देख लें कि उनमें कितना दम है.

सांवेर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी के साथ साथ पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है. यही कारण है कि इस सीट को जीतने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया अपना पूरा जोर लगा रहे हैं.दरअसल यहां से उनके खासमखास तुलसीराम सिलावट अब दलबदल के बाद बीजेपी के संभावित उम्मीदवार हैं. वे कांग्रेसियों को फोन लगाकर मंत्री तुलसी सिलावट के लिए लॉबिग कर रहे हैं. जो कांग्रेसी सिंधिया के संपर्क में है उनसे सिंधिया तुलसी सिलावट का सहयोग करने की अपील कर रहे हैं.

सामने आएं सिंधिया

सांवेर सीट से ही कांग्रेस टिकट पर चुनाव की तैयारी कर रहे कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने सिंधिया को खुली चुनौती दे दी है. गुड्डू ने कहा सिंधिया पर्दे के पीछे रहकर तुलसी सिलावट को सहयोग कर रहे हैं. सांवेर में इतनी ही दिलचस्पी है तो सिंधिया सामने आकार खुद चुनाव लड़ लें. उन्हें हकीकत पता लग जाएगी.सांवेर की जनता दलबदलुओं और गद्दारों को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है.

गुड्डू – सिंधिया की पुरानी अदावत

कांग्रेस से सांसद और सांवेर से कांग्रेस के विधायक रह चुके प्रेमचंद गुड्डू की ज्योतिरादित्य सिंधिया से पुरानी अदावत रही है. सिंधिया की वजह से ही उन्हें सांवेर से कभी दोबारा टिकट नहीं मिल पाया था. क्योंकि सिंधिया अपने खासमखास तुलसी सिलावट को ही कांग्रेस से टिकट दिलाते रहे. इसीलिए गुड्डू को सांवेर छोड़कर आलोट और उज्जैन से चुनाव लड़ना पड़ा. बाद में गुड्डू बीजेपी में चले गए. हाल ही में जब सिंधिया बीजेपी में चले गए तो गु्डडू ने बीजेपी छोड़ने में देर नहीं की. वो वापस कांग्रेस में लौट आए. इसकी वजह भी उन्होंने सिंधिया को ही बताया था. इस बार समीकरण बदलने से गुड्डू की एक बार फिर सांवेर में वापसी हुई है. इसीलिए इस बार का मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के लिए कांटे का बनता जा रहा है.