कमलनाथ सरकार के अब तक के कार्यकाल पर मुहर, झाबुआ के आ गए नतीजे

बहुप्रतिक्षित झाबुआ उपचुनाव के नतीजे गुरुवार को सामने आ गए। सीधा मुकाबला कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया और भाजपा के भानु भूरिया के बीच था। इस बार मतदान प्रतिशत 62.01 रहा, जो कि पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में कम था। मतदान प्रतिशत को लेकर भी जीत-हार के कयास लगाए जा रहे मगर जब गुरुवार सुबह मतों की गिनती शुरू हुई तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं के चेहरे खिल उठे। राउंड दर राउंड कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त मिलती गई। दोपहर 1 बजे तक कांग्रेस प्रत्याशी ने 17 हजार से अधिक की निर्णायक बढ़त हासिल कर ली और इसी के साथ यह भी तय हो गया कि झाबुआ के 11वें विधायक कांतिलाल भूरिया होंगे। साथ ही विधानसभा में भी कांग्रेस के विधायकों की संख्या 115 हो जाएगी।

उपचुनाव के परिणाम को सरकार के अब तक के कार्यकाल के आंकलन के तौर पर देखा जा रहा था। जनादेश कांग्रेस के पक्ष में आने से यह भी साफ हो गया है कि जनता की अदालत में सरकार पास हो गई है। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं ने भी यह बात लोगों से कही थी कि यदि कांग्रेस चुनाव जीतती है तो यह माना जाएगा कि सरकार के अब तक के कार्यकाल से जनता खुश है। भाजपाईयों ने कर्ज काफी, बिजली बिल सहित परिवारवाद को लेकर कांग्रेस को घेरा था लेकिन जनता ने भाजपा के आरोपों से किनारा करते हुए कांग्रेस का साथ दिया।

जहां गए मुख्यमंत्री वहां मिली कांग्रेस को बढ़त

उपचुनाव की मॉनीटरिंग मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा की गई। बीते करीब चार माह में वे पांच बार झाबुआ आए। अपने भाषणों में उन्होंने छिंदवाड़ा मॉडल की तर्ज पर झाबुआ के विकास की बात कही। सीएम ने चुनाव में भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की रणनीति अपनाई और वे काफी हद तक कामयाब भी हुए। भाजपा की अयोध्या कहे जाने वाले कल्याणपुरा में सीएम नाथ गए थे और यहां का परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहा है। कल्याणपुरा क्षेत्र से कांग्रेस से बढ़त हासिल की है। वहीं रानापुर क्षेत्र में भी सीएम ने सभा की थी, जिसका लाभ भी कांग्रेस को मिला है।

शिवराज नहीं दिला पाए जीत

भाजपा की ओर से स्टार प्रचारक के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पार्टी ने मैदान में उतारा था। चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में वे करीब चार दिन विधानसभा क्षेत्र में रहे। उन्होंने छोटी-छोटी सभाएं लेने के साथ ही खाटला बैठक तक की। रोड़ शो भी किए। कांग्रेस प्रत्याशी भूरिया और सरकार पर जमकर हमला बोला। अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल की योजनाओं को गिनाया। कर्ज माफी और अधिक बिजली बिल पर कांग्रेस पर हमला बोला। लेकिन जनता ने भाजपा का साथ नहीं दिया।