कांग्रेस नेता के 6 साल के भतीजे की हत्या, किडनैप किया, मुंह में कपड़ा ठूंसा; 4 करोड़ की फिरौती मांगने का ऑडियो आया सामने

महू में एक कांग्रेस नेता के 6 साल के भतीजे का अपहरण कर हत्या कर दी गई। बच्चे का शव एक पुलिया के नीचे मिला है। अपहरण करने वालों ने हत्या से पहले बच्चे के परिजन को फोन करके 4 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। इस घटना का सीसीटीवी भी सामने आया है। इसमें आरोपी बच्चे को लेकर जाते दिखाई दे रहा है। महू के सिविल अस्पताल प्रभारी डॉ. एचआर वर्मा ने बताया कि बच्चे की हत्या मुंह में कपड़ा ठूंसकर और गला घोंटकर की गई है।

मामला किशनगंज थाना क्षेत्र के गांव पिगडंबर का है। पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। फिरौती मांगने का ऑडियो भी सामने आया है। इसमें आरोपी बच्चे के परिजन से कह रहा है- आपके लड़के की जिंदगी चाहिए तो चार खोके (4 करोड़ रुपए ) तैयार रखो। मैं जब कॉल करूं तब पैसे लेकर आ जाना। दोनों आरोपी परिवार के करीबी हैं। एक आरोपी के पिता कॉन्स्टेबल थे। अभी उसका बड़ा भाई शाजापुर में कॉन्स्टेबल है।

पुलिस ने बताया कि यूथ कांग्रेस के पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष विजेंद्र सिंह चौहान के छोटे भाई जितेंद्र सिंह चौहान का बेटा हर्ष (6) रविवार शाम करीब साढ़े 6 बजे घर के सामने से लापता हो गया था। परिजन ने कई घंटे तक गांव सहित आसपास के एरिया में हर्ष को ढूंढा। वह नहीं मिला, तो पुलिस को शिकायत की। पुलिस भी बच्चे की तलाश में लगी रही।

पुलिस का कहना है कि देर रात पता चला बच्चे का शव चोरल में आने वाले सैंडल-मेंडल गांव की एक पुलिया के नीचे पड़ा है। इसके बाद पुलिस और परिजन मौके पर पहुंचे। बच्चे के शव को बरामद कर महू के सिविल अस्पताल लाया गया। यहां सोमवार सुबह उसका पोस्टमॉर्टम किया गया। हर्ष मेडिकैप्स स्कूल में छात्र था। उसका बड़ा भाई लक्ष्य फोर्थ क्लास में है।

घर के बाहर साइकिल चला रहा था, फिर लापता

पुलिस के मुताबिक रविवार शाम करीब 6 से 6.30 बजे हर्ष अपने घर के बाहर साइकिल चला रहा था। तालाब के पास पहुंचा और यहीं से लापता हो गया। बच्चा जब काफी देर तक घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसे ढूंढना शुरू किया। फिर पुलिस से शिकायत की। अलग-अलग जगह के सीसीटीवी फुटेज चेक किए। पुलिस को रेलवे ट्रैक के फुटेज में एक युवक के साथ बच्चा हंसते-खेलते जाते हुए दिखाई दिया। इसके बाद वह एक आल्टो कार में बैठते दिखाई दिया। पुलिस ने मामले में परिचित पर अपहरण की शंका जाहिर की। इसके बाद लगातार मोबाइल नंबर और गाड़ी के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही थी।