सीएम कमलनाथ: 5 साल बाद फिर होगी वापसी, मेरी सरकार को कोई खतरा नहीं

भारतीय जनता पार्टी की देशव्यापी बढ़ती ताकत के बीच मध्य प्रदेश, देश के उन चंद राज्यों में से एक है जहां सत्ता में आने के बावजूद कांग्रेस पार्टी अब भी संघर्ष करती नज़र आ रही है. भाजपा के लगातार हमले या कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई, एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ सभी परिस्थितियों में मजबूती से खड़े नजर आते हैं. कमलनाथ का यह विश्वास उनके चेहरे से भी झलकता दिखा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उठा-पटक, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेताओं की आकांक्षाओं और सियासी संकट जैसी बातों पर अपने विचार रखे. साथ ही पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा- इससे मेरी सरकार को कोई खतरा नहीं है.

चुनाव से पहले हर पार्टी की यही समस्या

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंटरव्यू के दौरान राज्य में सरकार को किसी भी तरह के खतरा होने से साफ इनकार किया. उन्होंने कहा, ‘ऐसी परिस्थितियों का सामना हर पार्टी करती रही है. जहां भी चुनाव होते हैं, उसके पहले ऐसे हालात पैदा हो ही जाते हैं. सभी पार्टियां ऐसा संकट झेलती हैं, लेकिन इससे हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी 5 साल का कार्यकाल निश्चित रूप से पूरा करेगी.’ कमलनाथ ने यह भी विश्वास जताया कि 5 साल के बाद भी कांग्रेस प्रदेश में सरकार में रहेगी.

अध्यक्ष पद की जंग पर दिया ये जवाब

मध्य प्रदेश कांग्रेस इकाई में अध्यक्ष पद की जंग को लेकर कमलनाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच आपसी खींचा-तानी ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं. खासकर एमपी विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त प्रदर्शन करने वाले पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के तेवर ने, कांग्रेस की इस लड़ाई को पार्टी कार्यालय से निकालकर, सड़क तक ला दिया. इसको लेकर सियासत इतनी तेज हुई कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कमलनाथ और सिंधिया, दोनों को दिल्ली बुला लिया. कमलनाथ ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘इस मुद्दे को लेकर सोनिया गांधी ने मुझे कभी नहीं बुलाया.’

बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की नजर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर है. इसके लिए एक तरफ जहां उनके समर्थक विधायक पूरा जोर लगा रहे हैं, वहीं कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, सिंधिया की राह में रोड़ा बने हुए हैं. इसलिए हाल ही में जब सिंधिया ने बारिश और बाढ़ से किसानों को हुए नुकसान के आकलन के लिए कराए गए सरकार के सर्वे पर सवाल उठाया और मुआवजा देने की मांग की तो सीएम कमलनाथ ने इसे तवज्जो नहीं दी. सीएनएन-न्यूज 18 के साथ बातचीत में कमलनाथ ने कहा भी कि सर्वे को लेकर सिंधिया का नाखुशी जताना नया नहीं है. दिग्विजय सिंह से ‘नजदीकी’ को लेकर उठे सवाल पर उन्होंने कहा, ‘वे इस राज्य के 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं, इसलिए मैं उनसे सलाह लेता हूं लेकिन प्रदेश का मुख्यमंत्री मैं हूं, इसको लेकर कहीं कोई उलझन नहीं है.’