हड़ताल के कारण विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी, यह लाखों छात्रों के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं – कमलनाथ

इन हड़तालों का मुख्य कारण शिवराज सरकार का कुशासन और कर्मचारी विरोधी रवैया – कमलनाथ

भोपाल – अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के आठ हजार कर्मचारी हड़ताल पर हैं. हड़ताल पर जाने की वजह से प्रदेश के चार बड़े विश्व विद्यालयों द्वारा मई और जून महीने में होने वाली वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं. परीक्षाएं स्थगित होने पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसा है.
पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तमाशेबाजी में व्यस्त हैं और पूरा प्रदेश हड़तालों का प्रदेश बनता जा रहा है. शिक्षकों और कर्मचारियों की हड़ताल के कारण प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी हैं. यह लाखों छात्रों के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में संविदा कर्मचारी, सरकारी कर्मचारी, अधिकारीए शिक्षक, चिकित्सक, नर्स और जो भी विभाग हैं, उन सब में आए दिन हड़ताल हो रही हैं.

हड़ताल का कारण सरकार का कुशासन

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि इन हड़तालों का मुख्य कारण शिवराज सरकार का कुशासन और कर्मचारी विरोधी रवैया है. पहले अधिकारी और कर्मचारियों से झूठे वादे कर देना और बाद में उनसे मुकर जाना शिवराज सरकार का नेचर और सिग्नेचर बन गया है. इस बदनीयती के कारण खरीद-फरोख्त की सरकार को जनता स्ट्रेचर पर लाने वाली है.

इन चार विवि ने स्थगित की परीक्षाएं

मध्यप्रदेश में कर्मचारियों की सामूहिक हड़ताल के कारण प्रदेश की चार बड़ी यूनिवर्सिटी ने मई-जून 2023 की वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाएं स्थगित कर दी है. 14 विश्वविद्यालयों के आठ हजार कर्मचारी अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. इस कारण शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है. व्यवस्थाएं और न बिगड़े यह देखते हुए देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, जीवाजी विश्व विद्यालय ग्वालियर, बरकतउल्ला विश्व विद्यालय भोपाल और रानी दुर्गावती विश्व विद्यालय जबलपुर ने मई-जून की वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाएं स्थगित करने के आदेश गुरुवार को ही जारी कर दिए थे.