यूएस फेड के फैसले से मायूस ग्लोबल मार्केट, लाल निशान में पहुंचे सभी प्रमुख इंडेक्स

नई दिल्ली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व (यूएस फेड) द्वारा पॉलिसी रेट में बढ़ोतरी करने के कारण ग्लोबल मार्केट में मायूसी का माहौल है। ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी के कारण दुनिया भर के बाजारों में गिरावट का रुख नजर आ रहा है। पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। यूरोपीय बाजार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से पहले से ही दबाव में थे और आखिर गिरावट के साथ ही तीनों प्रमुख यूरोपियन इंडेक्स ने कारोबार का अंत किया। वहीं, एशियाई बाजार भी आज लाल निशान में कारोबार करते नजर आ रहे हैं।

पिछले कारोबारी सत्र में नैस्डेक 85.92 अंक यानि 0.76 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 11,170.89 अंक के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह एसएंडपी 500 इंडेक्स ने 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,995.32 अंक के स्तर पर पिछले कारोबारी सत्र में कामकाज का अंत किया। डाओ जोंस भी 142.29 अंक यानी 0.42 प्रतिशत टूट कर 33,966.35 अंक के स्तर पर बंद हुआ। हालांकि यूएस फ्यूचर में ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी का असर नहीं हुआ है। यूएस फ्यूचर्स में मजबूती के साथ कारोबार होता नजर आ रहा है।

दरअसल, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पॉलिसी को ग्लोबल मार्केट से काफी ठंडा रिस्पांस मिला है। भारतीय समय के मुताबिक बुधवार रात यूएस फेड ने ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया।आपको बता दें कि अमेरिका की रिकॉर्ड तोड़ महंगाई पर काबू पाने की कोशिश में अमेरिकी केंद्रीय बैंक यूएस फेड इस साल लगातार सातवीं बार नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर चुका है। राहत की बात यही रही कि इस बार ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी पहले की गई बढ़ोतरी की तुलना में कम रही है। लेकिन बाजार के लिए परेशानी की बात ये है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में आगे भी बढ़ोतरी करने के संकेत दिए हैं।बुधवार रात ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का ऐलान के साथ ही अमेरिका में बेंचमार्क रेट पिछले 15 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। ब्याज दर में बढ़ोतरी करने का ऐलान करने के साथ ही केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि 2023 के अंत तक बेंचमार्क रेट बढ़कर 5 प्रतिशत से लेकर 5.25 प्रतिशत तक भी पहुंच सकता है। जानकारों का कहना है कि महंगाई पर काबू पाने की कोशिश में ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने के फैसले से अमेरिकी बाजार में जहां लिक्विडिटी क्रंच की स्थिति बन सकती है, वहीं कंज्यूमर और बिजनेस लोन के महंगा होने से मंदी का भी खतरा बन सकता है।यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने की आशंका के कारण पिछले कारोबारी सत्र में यूरोपीयन मार्केट में भी शुरू से ही कमजोरी का रुख बना हुआ था। इस आशंका की वजह से यूरोप के तीनों प्रमुख सूचकांकों ने गिरावट के साथ ही कारोबार का अंत भी किया। एफटीएसई इंडेक्स 0.09 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 7,795.93 अंक के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह सीएसी इंडेक्स ने 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6,703.79 अंक के स्तर पर पिछले सत्र के कारोबार का अंत किया। इसके अलावा डीएएक्स इंडेक्स 0.26 टूट कर 14,460.20 अंक के स्तर पर बंद हुआ।यूरोपीय और अमेरिकी बाजार में आई गिरावट का असर आज एशियाई बाजारों पर भी नजर आ रहा है। एशियाई बाजार के सभी प्रमुख इंडेक्स फिलहाल गिरावट के साथ लाल निशान में कारोबार करते नजर आ रहे हैं। एसजीएक्स निफ्टी 0.25 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 18,703 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह निक्केई इंडेक्स 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 28,077.02 अंक के स्तर पर नजर आ रहा है। जबकि स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स 0.40 प्रतिशत की नरमी के साथ 3,265.30 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। हैंग सेंग इंडेक्स 177.28 अंक यानी 0.90 प्रतिशत टूट कर 19,496.17 अंक के स्तर पर बना हुआ है।अभी तक के कारोबार में ताइवान वेटेड इंडेक्स 0.01 प्रतिशत की सांकेतिक गिरावट के साथ 14,737.37 अंक के स्तर पर कारोबार करता दिख रहा है। वहीं कोस्पी इंडेक्स 0.93 प्रतिशत कमजोर होकर 2,376.91 अंक के स्तर पर बना हुआ है। इसके अलावा सेट कंपोजिट इंडेक्स 0.28 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 1,628.74 अंक के स्तर पर, जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स 0.53 प्रतिशत की नरमी के साथ 6,765.53 अंक के स्तर पर और शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.16 प्रतिशत के गिरावट के साथ 3,171.36 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।