मप्र में पड़ रही कड़ाके की ठंड, जबलपुर में पहली बार 7 डिग्री पहुंचा पारा

भोपाल। मध्यप्रदेश में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जबलपुर में सोमवार को पहली बार रात का न्यूनतम तापमान 7 डिग्री पर आ गया। भोपाल में भी बाद पहली बार 10 डिग्री से नीचे न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड हुआ। हालांकि, ग्वालियर में ठंड के तेवर अभी ज्यादा सख्त नहीं हुए हैं। इंदौर भी ज्यादा ठंडा नहीं हो सका है।

इस साल अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में मानसून की विदाई हुई। इसके बाद प्रदेश का मौसम एकदम शुष्क हो गया। हिमालय में बर्फबारी और पाकिस्तान से एक के बाद एक हवाएं आने के कारण अक्टूबर में ठंड महसूस हुई, लेकिन इसके बाद तापमान में बढ़ोतरी होने से लोगों को गर्मी का अहसास होने लगा। नवंबर के पहले और दूसरे सप्ताह में न्यूनतम तापमान 15 से 20 डिग्री के बीच था। तीसरे सप्ताह भी ठंड के तेवर ज्यादा कड़क नहीं हुए, लेकिन अंतिम सप्ताह में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश के मौसम में अगले चार दिनों तक कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। वर्तमान में राजस्थान पर बने प्रति चक्रवात के असर से हवाओं का रुख बार-बार बदल रहा है। जिसके चलते रात एवं दिन के तापमान में उतार-चढ़ाव का सिलसिला बना हुआ है। इस बीच दो दिसंबर से एक ताकतवर पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इसके असर से उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने पर सर्द हवाएं मैदानों की ओर आएंगी जिसके बाद चार दिसंबर से मैदानी इलाकों सहित प्रदेश के तापमान में तेजी से गिरावट आएगी और तीखी सर्दी का दौर शुरू होगा।

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि, अगले 24 से 48 घंटों में सामान्य तौर पर सर्दी का दौर जारी रहेगा। विशेषकर रात में ठंड अधिक लगेगी, लेकिन दिन में गुनगुनी धूप लगेगी और सर्दी का एहसास कम होगा। मौसम विभाग के पूर्व विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अभी मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने के आसार हैं।प्रदेश में सोमवार को सबसे कम तापमान छतरपुर के नौगांव में 6.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि राज्य के बैतूल , दतिया, ग्वालियर, रायसेन, राजगढ़, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, रीवा, उमरिया जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम दर्ज किया गया।