भोपाल में पहली बार बने तीन ग्रीन कॉरिडोर, ब्रेन डेड युवक के अंगों से पांच को मिलेगा नया जीवन

भोपाल। मध्य प्रदेश सड़क हादसे में घायल होने के बाद ब्रेन डेड घोषित किए गए 23 साल के युवक के अंगों से पांच लोगों को नया जीवन मिलेगा। युवक का दिल अहमदाबाद में धड़केगा, वहीं किडनी समेत अन्य अंग भोपाल, इंदौर, अहमदाबाद व हैदराबाद के जरूरतमंदों को दिए जाएंगे। अंगों को समय से मरीजों तक पहुंचाने के लिए सोमवार को भोपाल में पहली बार तीन ग्रीन कारीडोर बनाए गए। हार्ट को विशेष विमान से अहमदाबाद, लिवर चौइथराम हॉस्पिटल इंदौर, एक किडनी चिरायु हॉस्पिटल तथा एक किडनी सिद्धान्ता अस्पताल तथा दोनों दिव्य ज्योतियों का नेत्रदान हमीदिया हॉस्पिटल को भेजा गया।

जानकारी के अनुसार सोहागपुर के रहने वाले अनमोल जैन गत 17 सितंबर को सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रविवार को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। अनमोल के भाई गौरव जैन ने बताया कि पूरे परिवार ने फैसला किया कि अगर किसी को नई जिंदगी मिले, तो इससे बेहतर क्या हो सकता है। अस्पताल के डॉक्टरों के साथ चर्चा के बाद परिवार ने सहमति जता दी। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट कमेटी से संपर्क कर अंगदान की प्रक्रिया पूरी की।डॉक्टरों की टीम ने अनुमति मिलने के बाद अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू की। रविवार को किडनी, लंग जैसे अंगों को प्रत्यारोपण के लिए निकाला गया। बताया गया है कि अनमोल की किडनी भोपाल में ही एक मरीज को दी जाएगी। किडनी प्रत्यारोपण चिरायु मेडिकल कॉलेज में किया जाएगा। लिवर इंदौर के एक मरीज को दिया जाएगा। आंख और त्वचा को हमीदिया अस्पताल को दिया गया है।

इन अंगों का समय से पहुंचाने के लिए भोपाल में सोमवार को एक साथ तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। सुबह 9.40 बजे पहली एंबुलेंस एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई। इसमें युवक का दिल विमान से अहमदाबाद भेजा गया। वहीं, दूसरी एंबुलेंस 10.3 बजे इंदौर के लिए रवाना हुई, जिसमें युवक का लिवर भेजा गया, जबकि तीसरी एंबुलेंस 10.41 बजे चिरायु अस्पताल के लिए रवाना हुई। चिरायु अस्पताल में किड़नी भेजी गई।अस्पताल के डऍक्टरों का कहना है कि परिवार के सही निर्णय ने हमारे विश्वास को मजबूत किया है। वह कहते हैं कि अपने अंगों को स्वर्ग में मत ले जाओ। भगवान जानता है कि हमें यहां उनकी आवश्यकता है।