कांग्रेस, कम्युनिस्ट और भारतीय जनसंघ से जुड़े अध्याय NCERT पाठ्यक्रम से हटे

पाठ्यक्रम में बदलाव की योजना जारी

नई दिल्ली – पाठ्यक्रम में बदलाव की योजना जारी रखते हुए केंद्र सरकार के इशारे पर नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं कक्षा के लिए इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिन्दी के सिलेबस में कुछ बदलाव किए हैं। इतिहास की किताब से मुगल साम्राज्य से जुड़ा चैप्टर हटाया गया है। इसके अलावा हिंदी की बुक से कुछ कविताएं और पैराग्राफ हटाने का निर्णय लिया गया है। अपडेटेड सिलेबस के मुताबिक थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री-पार्ट II से मुगल दरबार (16वीं और 17वीं शताब्दी) और शासकों व उनके इतिहास से संबंधित अध्यायों को हटाया गया है। नागरिक शास्त्र की किताब से ‘यूएस हिजेमनी इन वर्ल्ड पॉलिटिक्स’ और ‘द कोल्ड वॉर एरा’ जैसे चैप्टर हटाए गए हैं।


इसके अलावा, स्वतंत्र भारत में राजनीति की किताब से ‘जन आंदोलन का उदय’ और ‘एक दल के प्रभुत्व का दौर’ हटा दिया गया है। इनमें कांग्रेस के प्रभुत्व की प्रकृति, सोशलिस्ट, कम्युनिस्ट पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, भारतीय जनसंघ आदि को पढ़ाया जाता है।


हिन्दी की बुक से गजल और गीत भी हटाए गए


NCERT ने हिन्दी सब्जेक्ट के सिलेबस में भी कुछ बदलाव किए हैं। इनमें हिन्दी आरोह भाग-2 की किताब से फिराक गोरखपुरी की गजल और अंतरा भाग दो से सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की गीत गाने दो मुझे को हटा दिया है। इसके अलावा विष्णु खरे की एक काम और सत्य को भी हटाया गया है।


सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स चैप्टर भी नहीं पढ़ाया जाएगा


मौजूदा सेशन से होने जा रहे बदलाव केवल 12वीं क्लास तक ही सीमित नहीं है, बल्कि 10वीं और 11वीं क्लास की बुक्स से भी कई चैप्टर हटाए गए हैं। 11वीं की बुक ‘थीम्स इन वर्ल्ड हिस्ट्री’ से ‘सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स’, ‘संस्कृतियों का टकराव’ और ‘द इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन’ जैसे चैप्टर हटा दिए गए हैं। इसी तरह 10वीं की बुक लोकतांत्रिक राजनीति-2 से लोकतंत्र और विविधता, लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन, लोकतंत्र की चुनौतियां जैसे चैप्टर हटाए गए हैं।


CBSE और UP सहित कई स्टेट बोर्ड में लागू होगा


सिलेबस में यह बदलाव देशभर के उन सभी स्कूलों व छात्रों के लिए लागू होगा, जहां NCERT की किताबें कोर्स का हिस्सा हैं। इसमें CBSE और उत्तर प्रदेश बोर्ड भी शामिल है। NCERT के मुताबिक, सिलेबस में जो भी बदलाव किया गया है, उसे मौजूदा शैक्षणिक सत्र यानी बदलाव 2023-24 से ही लागू कर दिया जाएगा।