कमलनाथ का शिवराज सरकार के खिलाफ ‘आरोप पत्र’

c388 पॉइंट्स में गड़बड़ी-घोटालों का जिक्र; कांग्रेस का दावा- अफसरों ने पर्दे डाले, बेनकाब करेंगे

भोपाल- मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस, शिवराज सरकार के खिलाफ आरोप पत्र लाएगी। PCC चीफ कमलनाथ ने 3 कैटेगरी में इसे तैयार कराया है। इसे प्रिंट कराकर कांग्रेस जल्द जिला स्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी। बुक, पैंपलेट और पोस्टर्स के जरिए इसे जनता तक पहुंचाने की प्लानिंग है।
कमलनाथ का शिवराज सरकार के खिलाफ ‘आरोप पत्र’:388 पॉइंट्स में गड़बड़ी-घोटालों का जिक्र; कांग्रेस का दावा- अफसरों ने पर्दे डाले, बेनकाब करेंगे

भोपाल9 घंटे पहले

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस, शिवराज सरकार के खिलाफ आरोप पत्र लाएगी। PCC चीफ कमलनाथ ने 3 कैटेगरी में इसे तैयार कराया है। इसे प्रिंट कराकर कांग्रेस जल्द जिला स्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी। बुक, पैंपलेट और पोस्टर्स के जरिए इसे जनता तक पहुंचाने की प्लानिंग है।

आरोप पत्र समिति के अध्यक्ष और पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने बताया कि कांग्रेस ने आरोप पत्र को 3 भागों बांटा है। पहला भाग फाइनेंशियल करप्शन यानी आर्थिक रूप से किए गए घोटालों का है। दूसरे पार्ट में कुशासन को लेकर पॉइंट्स शामिल किए गए हैं। तीसरा पार्ट कुप्रबंधन का है। तीनों कैटेगरी में 388 पॉइंट्स शामिल किए गए हैं। आरोप पत्र में पंचायत से लेकर मंत्रालय तक में हुई गड़बड़ियों और घोटालों को शामिल किया गया है।

इन तीनों कैटेगरी के अनुसार आरोप पत्र में मुद्दे शामिल किए गए हैं। करीब 6 महीने की एक्सरसाइज के बाद पिछले हफ्ते कमलनाथ के बंगले पर हुई बैठक में इसे फाइनल किया गया है। भाजपा सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में की गई गड़बड़ियों, घोटालों, अनियमितताओं के मामलों को लेकर कांग्रेस जनता के बीच आरोप पत्र की बुक बनाकर पेश करेगी। एक महीने में ये किताब पब्लिश होगी। कांग्रेस के कार्यकर्ता इसे जनता तक पहुचाएंगे।

कांग्रेस का दावा, भाजपा सरकार में घोटालों की लंबी लिस्ट

कांग्रेस ने प्रदेशभर से बड़े घोटालों और गड़बड़ियों की जानकारी मंगाई थी। इनकी स्क्रूटनी करने के बाद जिन मामलों में पुख्ता सबूत मिले हैं, उन मामलों को आरोप पत्र में शामिल किया गया है। कांग्रेस, बड़े नेता दौरे के वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस और मंच से जनता के बीच इन्हें पढ़कर सुनाएगी। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि 18 साल की भाजपा सरकार में घोटालों की लंबी लिस्ट है। हम ऐसी प्लानिंग कर रहे हैं कि सोशल मीडिया पर VIDEO, रील्स जैसे कंटेंट के जरिए भी शिवराज सरकार की हकीकत जनता को बताई जा सके। कांग्रेस युवा वर्ग को इन घोटालों और गड़बड़ियों के कारण हुए नुकसान से परिचित कराने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेगी।

गड़बड़ियों पर अफसरों ने पर्दे डाले, इन्हें सामने लाएंगे

पारस सकलेचा का कहना है कि भाजपा सरकार में जो घोटाले और गड़बड़ियां हुईं, उनमें कार्रवाई करने के बजाए अफसरों ने भी पर्दे डालकर उसे दबाने का प्रयास किया है। इसे लेकर कांग्रेस के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ हर जिले में प्रेस वार्ता कर जनता तक आरोप पत्र के मुद्दे पहुंचाएंगे। पूरे राज्य में कांग्रेस इसको लेकर अभियान भी चलाएगी।

आरोप के 388 पॉइंट्स, 3 कैटेगरी

1.) आर्थिक घोटाला: इसमें 168 पॉइंट्स शामिल किए गए हैं। पोषण आहार, मध्याह्न भोजन, टोल रोड, अवैध खनन, सीवरेज, स्मार्ट सिटी, छात्रवृत्ति, LED लाइट, व्यापमं, नर्सिंग कॉलेज, डिमेट, निजी मेडिकल कॉलेज में फीस वृद्धि, आवास योजना-शहरी और ग्रामीण, मनरेगा, कन्यादान, आबकारी, कर अपवंचन, कोरोना में निजी चिकित्सालय को भुगतान, राशन, सर्व शिक्षा अभियान, ई टेंडर, आयुष्मान, माध्यम, आरजीपीवी, माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय आदि इसमें शामिल हैं।

2). कुशासन: इसमें 124 पॉइंट्स शामिल हैं। महिला बलात्कार, किशोर – बालिका बलात्कार, शिशु मृत्युदर, गर्भवती महिला मृत्युदर, इंजीनियरिंग शिक्षा का गिरता स्तर, प्राथमिक शिक्षा में प्रतिवर्ष 4 से 5 लाख नामांकन कम होना, बेरोजगारी, महंगाई, अनुसूचित जाति जनजाति पर बढ़ते अपराध, सड़क हादसों में वृद्धि, खेतिहर मजदूर को देश में न्यूनतम मजदूरी, दिहाड़ी मजदूरों में आत्महत्या, महिला अपहरण, प्रति व्यक्ति आय, कुपोषण, न्यायालयीन सक्सेस रेट आदि पॉइंट्स इसमें रखे गए हैं।

3). कुप्रबंधन: इसमें 96 पॉइंट्स हैं। बढ़ता कर्ज, बजट प्रावधान और वास्तविक व्यय में जमीन आसमान का अंतर, अनुसूचित जाति तथा जनजाति उपयोजना की राशि का सही उपयोग ना होना, थानों में समय पर FIR ना करना, जेलों में संख्या से दोगुना कैदी, निजी विद्यालयों में भारी फीस, PSC की नियुक्ति 2019 से न होना, व्यापमं की भारी फीस, निजी चिकित्सालय में भारी शुल्क, गरीबी रेखा के कूपन न बनाना, वनाधिकार के पट्टे न देना, सालों से निर्वासित गरीबों को पट्टे न देना, नदियों का पानी प्रदूषित होना, प्रदेश में कई शहरों में जहरीला कचरा, भूमिगत जल का स्तर खतरनाक घटना, 57% जनता को शुद्ध पेयजल न मिलना, शासकीय विद्यालयों का निम्नतम स्तर आदि।